क्या कभी सोचा है कि जब आप एक रोटी या किसी भी फूड का एक कोर मुंह में लेकर चबाते हैं और जब वह पेट के अंदर जाकर पचता है, इस बीच किस तरह यह भोजन सफर करता है और कैसी प्रक्रियाओं से गुजरता है! चलिए आज इसी बारे में बात करते हैं… हमारा पाचन तंत्र हमारे शरीर के पॉवर हाउस की तरह है। क्योंकि हमारे शरीर को काम करने के लिए ऊर्जा भोजन के पाचन के बाद शरीर के इसी हिस्से से मिलती है। पाचन तंत्र द्वारा पूरे शरीर में भेजी गई ऊर्जा द्वारा ही हम अपने छोटे से लेकर बडे़ काम कर पाते हैं। आइए, जानते हैं कि किस तरह हमारा पाचन तंत्र हमारे शरीर के लिए काम करता है.! सलाइवा यानी लार प्रड्यूस करने के मामले में हमारा डायजेस्टिव सिस्टम बहुत हैरान करता है। हमारे मुंह के अंदर हर रोज करीब 1 लीटर लार बनती है। जो हमें मुंह में पनपनेवाले हानिकारक बैक्टीरिया से बचाती है। हमारे भोजन को पचाने में सहायता करती है। आखिर लार ही पाचन क्रिया की पहली सीढ़ी है। यह खाने के डायजेस्ट करने में मदद करती है। इसी की मदद से हम खाना चबा पाते हैं और इस खाने को पचाने में आंतों को आसानी होती है। क्योंकि लार या सलाइवा मिक्स होने के बाद भोजन का प्रकार और उसका तापमान दोनों पाचन के अनुकूल हो जाते हैं। पाचन तंत्र के भाग- हमारे पाचन तंत्र में छोटी आंत, बड़ी आंत, लीवर, मुंह, गला, भोजन नली सभी शामिल होते हैं। भोजन पचाने की प्रक्रिया मुंह में कोर जाते ही इसे चबाने के साथ ही शुरू हो जाती है। इसलिए सलाइवा यानी लार का भोजन को पचाने में बहुत बड़ा योगदान होता है। पाचन के होते हैं दो प्रकार – हमारे शरीर में पाचन दो तरह से होता है। पहला प्रकार होता है मैकेनिकल और दूसरा प्रकार होता है केमिकल। मैकेनिकल पाचन होता है, जब हम तोड़कर, चबाकर और दांतों के जरिए महीन पीसकर भोजन खाते हैं। जब दांत से पिसने के बाद भोजन पेट में चला जाता है तब इसे पचाने के लिए केमिकल प्रॉसेस शुरू होती है। जब दांतों के जरिए पिसा हुआ भोजन जब पाचन तंत्र में पहुंचता है तो इसे एंजाइम्स द्वारा छोटे-छोटे मॉलेक्यूल्स में परिवर्तित किया जाता है। फिर इन्ही मॉलेक्यूल्स से ऊर्जा उत्पादित की जाती है। सबसे अधिक काम करनेवाला भाग- हमारे पेट में डायजेशन यानी खाने को पचाने का सबसे अधिक काम छोटी आंत में होता है। जो कि हमारे पूरे डायजेस्टिव सिस्टम का करीब दो तिहाई हिस्सा है। अगर डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़े हर अंग की आपस में मिलाकर इनकी लंबाई जोड़ दी जाए तो करीब 30 किलोमीटर की दूरी तय होगी। हैरान हो गए हैं ना ! लेकिन यह सच है कि मानव शरीर में प्रकृति ने बहुत सारे रहस्यों को एक साथ समेट दिया है। छोटी आंत ही शरीर का वह अंग है, जहां सबसे अधिक न्यूट्रिऐंट्स यानी पोषक तत्वों को अवशोषित किया जाता है। ताकि शरीर सेहतमंद रहे। यानी हमारी छोटी आंत बड़ा काम करती है।
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